जन्म दिनों का बाज़ार
जन्म दिनों का बाज़ार
आज मेरा जन्म दिन,
कल मेरी पत्नि का !
दो दिनों के बाद,
फिर मेरे छोटे पुत्र का !
दूसरों का भी
दो चार दिनों में
मानना होगा !
फेसबुक के मित्रों
को भली -भांति
समझाना होगा !
इतनों से भला
हमारा काम
चलेगा कैसे ?
अपने नाती, पोता और
पोतिओं के बिना
फेसबुक सजेगा कैसे ?
आज के दिन को
आप ना यूँ भूलें !
प्यार और आशीष को
दूर से ही आप दे दें !
फिर निकट में
हमारी दुधारू गाय
के बछड़े का भी
सालगिरहआना है !
आपको अपनी
कविताओं को
गढ़ -गढ़के
मंगलगान सुनना है !
हमें तो और कुछ
आता नहीं
उद्गार देना !
अपनी बारी में
भूल जाते यहाँ तक
आभार देना।