STORYMIRROR

Meera Raikwar

Romance

4  

Meera Raikwar

Romance

चाहत

चाहत

1 min
194

जब भी तेरी याद आती है

मेरा सिर तेरे कांधों पर होता है

ये जिंदगी की भाग दौड

ये तनाव भरी जिंदगी

तेरे करीब आकर लगता है


मंंजिल मिल गई

बस तुम न कुछ बोलो

न मैैं कुछ बोलूं

बस और कुछ न हो

बस तुम मैं और ये तन्हाई हो

मौन प्यार करें


आगोश में एक दूजे के

कांंधो पर.सर रख

जी लें कुछ अपने लिए

इस तन्हाई में न जाने

जिंदगी का वो आखिरी

पडाव आ जाये


जहां हम हमेशा के लिए

जुुदा हो जायेें

कुुछ पा लेने की हसरत मेंं

जिंदगी जीने की एक ललक

एक प्यार के लिए तरस जायेे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance