'' प्यार की कश्ती ''
'' प्यार की कश्ती ''
जग में प्यारे दुलारे !
है हम दो ही हस्ती !
खिवैया दरिया में,
चले प्यार की कश्ती !!
सुख दुःख साथ हम !
सदा के लिये रखते !
परेशानियाँ दो हाथ,
आनंद से है चखते !!
प्रेम भाव है निस्वार्थ !
जीवन हमारा किताब !
बेडर है यहाँ हम दोनों,
आता जाता सैलाब !!
नहीं शिकायत यहाँ !
बोले बिना समझते !
सपने आँखों में है,
हर दम हम रिझते !!
नहीं डुबेंगी ये नैय्या,
होगा भवसागर पार !
भरोसा भगवान पर,
वह जो तारणहार !!