तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
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मेरी अनुपस्थिति में
गर मेरी याद आये...
तो सार्थक है…
मेरा होना
तुम्हारी ज़िन्दगी में!
मेरी अनुपस्थिति में
गर मेरे लिए प्यास बढ़ जाये
तो सार्थक है…
मेरा हो जाना,
समंदर …तुम्हारे लिए!
मेरी अनुपस्थिति में जो
चारदीवारी काट खाए
तो सार्थक है…
मेरा होना
कोई सरगम…तुम्हारे लिए!
मेरी अनुपस्थिति में गर
अँधेरा नज़र आये
तो सार्थक है…
मेरा होना
कुनकुनी धूप तुम्हारे लिये!
लेकिन मेरी अनुपस्थिति में
मेरी उपस्थिति का अर्थ पाने,
कोई और जिज्ञासा दिखाए...
तो पूर्णतः: निरर्थक है…
मेरा होना
एक बस...तुम्हारे लिए!