एहसास...
एहसास...
इक सहमी सहमी सी आहट है,
इक महका महका साया है,
ये एहसास तुम्हारी मोहब्बत का,
ना जाने क्या रंग लाया है,
ए यार सनम कुछ तू ही बता,
तू मुझे इतना क्यों भाया है,
ये दिल प्रेम खोज में निकला था,
और तुझ को ढूँढ के लाया है...

