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Shalini Badole

Classics Inspirational

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Shalini Badole

Classics Inspirational

साहित्य

साहित्य

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साहित्य एक अग्निहोत्र है,

आहुति होती है जिसमें सृजन की,

संस्कृति से ली जाती है समिधाएँ,


परंपराओं से बनता 

है हविष्य,

कलारूपी होता है जिसमें घृत,

संस्कार,आचार-

विचार, व्यवहार,और रीतियों का होता है पंचगव्य,


हृदय के भाव बन जाते है मंत्र और श्लोक,

लोकमंगल की कामना से होती है इसकी पूर्णाहुति,

जिससे सुरभित होता है दिग-दिगन्त,


हर युग में, हर कल्प में,

वेद, उपनिषद पुराणों और स्मृतियों के रूप में रहता है जीवंत,

यह वांग्मय दुलारता है कई सभ्यताएं।।


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