जिंदगी
जिंदगी


यह जो जिंदगी के ताने-बाने हैं,
सुलझते नहीं मगर सुलझाने हैं,
दिल में दबे कुछ किस्से पुराने हैं,
लिखने मगर हरदम नए तराने हैं
सपनों के आसमाँ पे सदा मुफ़लिसी के साये हैं,
ख्वाहिशों को दबाकर हमने गीत जरूरतों के गाये हैं
डोर होगी हाथों में अब जिंदगी की,
बस खुशियों के कुछ गीत गुनगुनाने हैं
यह जो जिंदगी के ताने बाने हैं,
सुलझते नही मगर सुलझाने हैं
इस रंगीन दुनिया में हमारे बेरंग से अफ़साने हैं
ना साज है ना आवाज हैं कुछ खामोश फसाने हैं
हमारा आँगन भी अब रोशन होगा,
बस उम्मीदों के कुछ दिए जलाने हैं
यह जो जिंदगी के ताने बाने हैं,
सुलझते नहीं मगर सुलझाने हैं
चाहतों के धागों से ख्वाबो के पर्दे बनाने हैं,
पसीने की बूंदों और अश्कों से नए रंग सजाने हैं
हाथों की बदलेगी लकीरे एक दिन,
बस चुनने तकदीर के कुछ दाने हैं
यह जो जिंदगी के ताने बाने हैं,
सुलझते नहीं मगर सुलझाने हैं।