किस्से पुराने हो गये....
किस्से पुराने हो गये....
वक्त गुज़रा किस्से पुराने हो गए,
तेरे मेरे इश्क़ के चर्चे अब अफ़साने हो गए
वो अक्स तेरा इन आँखों में है,
जो धडकाता है दिल को आज भी,
यूँ तो दीदार किये तेरे रुखसार का,
अब ज़माने हो गए
वो मय कौनसी पिलाई तुमने अपनी आँखों से,
कि अब तक नशे में हूँ मैं,
लोग कहते हैं तुम शराबी नहीं,
पूरे के पूरे मयखाने हो गए
होने दे चर्चा मोहब्बत का,
बढ़ा फेहरिस्त मेरे रकीबों की,
कि मैं ज़िन्दा हूँ अभी, हूँ इसी दुनिया में
अभी कहाँ हम अनजाने हो गए
वक्त गुज़रा किस्से पुराने हो गए,
तेरे मेरे इश्क़ के चर्चे अब अफ़साने हो गए।

