इंतजार भी मेरा...
इंतजार भी मेरा...
ऐतबार भी मेरा
इजहार भी मेरा
इकरार भी मेरा
और इंतजार भी मेरा?
ये कैसा रिवाज ए उल्फत है
ये कैसे उसूल बनाएं हैं
इश्क तो तुझे भी है
फिर दिल में क्यों दबाए है?
है खलीश किसी कोने में
जो दिल को बेचैन कर जाती है
भूलना तो चाहता हूं तुझे
पर याद फिर भी आती है
दिल का ना सही
मेरे जज्बात का एहतराम कर
तू अपना दिल करें ना करें
पर एक नजर तो मेरे नाम कर