जब याद मेरी आए
जब याद मेरी आए
जब याद मेरी आए आवाज देना
छुपाना मत जज्बातों को
उन्हें तुम अल्फाज देना
मैं हूं तुम्हारे भीतर ही
मन के किसी कोने में
बस अपने मन को
मेरे होने का एहसास देना
छू भी पाओगी
तुम अपनी आंखों से मेरे अक्स को
अपनी कल्पनाओं को
बस थोड़ा परवाज देना
मिल ना सकें रूबरू तो भी
इश्क ये बरकरार रहे
अपनी मोहब्बत को
कुछ ऐसा अंदाज देना
जब याद मेरी आए
आवाज देना।

