फिदा
फिदा
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तेरी सादगी में भी अदा है
या मेरी नजर ही तुझ पे फिदा है
जुबां खामोश रहती है,
पर आंखें सब कुछ कहती हैं
है सबकी निगाहों में ऐसा जादू
या तेरी आंखें सबसे जुदा है
दीदार ए हुस्न पे तेरे
काफिर भी सजदे करने लगे
बुतों में भी जान डाल दे
तू इंसा है या फिर खुदा है
हो इनायत कभी इधर भी
बन जाऊं मैं ख्वाब ए चश्म तेरा
चाहत है बस अब यही
यही दिल की निदा है
तेरी सादगी में भी अदा है
या फिर मेरी नजर ही तुझ पे फिदा है
{ काफिर~ नास्तिक, सजदा~ सर झुकाना, बुत ~ मूर्ति, इनायत~ कृपा, ख्वाब ए चश्म ~ आंखों का सपना, निदा ~ पुकार }