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VanyA V@idehi

Romance

4.5  

VanyA V@idehi

Romance

सावन की हरियाली

सावन की हरियाली

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अबके बरसात बड़ी मतवाली है 

चारों ही तरफ हरी हरियाली है !


भीगी सुबह सावन की आली है 

रंगीली सी महकी डाली डाली है।


अलसाई सी बेसुध धरा पड़ी थी।

तप्त धरती भी कबसे व्याकुल थी।


अबके बरसात बड़ी मतवाली है 

चारों ही तरफ हरी हरियाली है !


सावन की बूंदें पड़ी धरा पर।

हरियाली अब खूब छाई है।


अबके बरसात बड़ी मतवाली है 

चारों ही तरफ हरी हरियाली है !


महक उठी है माटी भी अब तो।

बौछारों

की बारिश से भीगाई है।


अबके बरसात बड़ी मतवाली है 

चारों ही तरफ हरी हरियाली है !


तन शीतल मन भी शीतल है।

अब तिरोहित ग्रीष्म की पीड़ा है।


अबके बरसात बड़ी मतवाली है 

चारों ही तरफ हरी हरियाली है !


हो गई प्रकृति भी कितनी हरी भरी।

हर्षित हो गए सारे ही नर नारी हैं ।


अबके बरसात बड़ी मतवाली है 

चारों ही तरफ हरी हरियाली है !


भीगी सुबह सावन की आई डोली है 

सबके मन को बरसात खूब भाई है।


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