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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Romance

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Romance

अफसाना प्यार का

अफसाना प्यार का

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छुपी निगाहों से, इशारों में झलकता है, प्यार का अफ़साना, 

दिलों में छलकता है प्रेम की चितवन में प्यार का तराना।


शब्दों की कमी है, भावनाओं के ज्वार की है भरमार, 

आँखों से ही बयां होता है, प्यार ही है अनुपम सार ।


झाड़ियों में महकती है, उसकी यादों की गमक खुशबू, 

हर पल, हर सांस में, बसी मन में उसी से होती जूस्तजू।


दिल धड़कता है बेकाबू, जब वो होता है मेरे आस-पास,

उसके बिना, जीवन लगता है,लम्बा ,अधूरा और उदास ।


खींचती है दिलों की डोर एक अदृश्य, प्यार का अफ़साना, 

बन जाता है अनमोल और अद्भुत ये एक अमोल पैमाना।

          



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