यादों भरी किताब सी....
यादों भरी किताब सी....
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किसी यादों भरी किताब सी
तू पास है दिल के आज भी
मेरी जिंदगी की सरगम है
मेरी सांसों का साज भी
पलटते हुए पन्नों की
हर एक कहानी का
तू ही अंजाम है
और तू ही आगाज़ भी
कभी शृंगार रस की कविता
कभी कहानी का संसार सी
कभी मधुर गीतांजलि
तू ही मन की आवाज भी
बनकर प्रस्तावना
जीवन के हर रंग में
तू साथ थी कल भी
तू साथ है आज भी
किसी की यादों में भरी किताब सी
तू पास है दिल के आज भी।