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Deepak Meena

Romance

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Deepak Meena

Romance

तेरा चेहरा

तेरा चेहरा

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शम्स ओ क़मर सा जगमगाता चेहरा

तुम ही कहो, दिल ठिकाने पे रहे कैसे मेरा


सोचता हूं, फिर से इजहार-ए-मोहब्बत कर दूं

दिल, जां, सांसे सब कुछ तेरे नाम कर दूं


लड़खड़ाने दूं मेरी धड़कन को, मेरी बातों में

बन जाऊं शागिर्द तेरी जुल्फों का, तेरी आंखों को ज़ाम कर लूं


फिरूं बेखबर सा बस तेरे ही खयालों में

तेरे घर की गलियों को अपना मुक़ाम कर लूं 


फिर देखूं चांद को निकलते हुए तेरे घर के छज्जे पे

और उस मंजर में बसर ये जिंदगी तमाम कर लूं


ये गुलशन के फूलों सा खिलखिलाता चेहरा 

तुम ही कहो, दिल ठिकाने पे रहे कैसे मेरा


शम्स~सूरज, क़मर ~चांद, शागिर्द~ शिष्य, मुकाम~ठिकाना


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