अजीब यादें
अजीब यादें
देख लो गौर से तुम वही मोड़ है ,
अपनी यादों का कैसा ये गठजोड़ है ,
तुम तो देखी नहीं फिर कभी लौटकर ,
तल्ख रश्ता निहारे ये चितचोर हैं ...
वक्त गुजरा जो पिछला सताने लगा ,
रास्ता भी नजारे चुराने लगा ,
चाँद पूनम का जानम भले खिल उठा ,
याद तेरी में मावस सा छाने लगा
कल गली ने ये मुझसे कहा रोककर ,
जा रहे अब कहाँ ये कहा टोककर ,
तुमने मशहूर दामन ये मेरा किया ,
छिप गए छोड़ कर जाने किस ओट पर ,
हंस रहा था शहर जो मुझे देखकर ,
ख़ुश था दामन ये उसका मुझे देखकर ,
प्रेम दीपक जलाये जो हर चौकपर ,
खिल रहे थे वो कल फिर मुझे देखकर
देख लो गौर से तुम वही मोड़ है ,
अपनी यादों का कैसा ये गठजोड़ है ,
तुम तो देखी नहीं फिर कभी लौटकर ,
तल्ख रश्ता निहारे ये चितचोर हैं ...
वक्त गुजरा जो पिछला सताने लगा ,
रास्ता भी नजारे चुराने लगा ,
चाँद पूनम का जानम भले खिल उठा ,
याद तेरी में मावस सा छाने लगा
कल गली ने ये मुझसे कहा रोककर ,
जा रहे अब कहाँ ये कहा टोककर ,
तुमने मशहूर दामन ये मेरा किया ,
छिप गए छोड़ कर जाने किस ओट पर ,
हंस रहा था शहर जो मुझे देखकर ,
ख़ुश था दामन ये उसका मुझे देखकर ,
प्रेम दीपक जलाये जो हर चौकपर ,
खिल रहे थे वो कल फिर मुझे देखकर