हाय !ये रोना आ जायेगा
हाय !ये रोना आ जायेगा
सत्ता के मतवालो सुनलो,
सड़क में सोना पड़ जाए तो।
सच दिखलाने वालो सुनलो,
पेट में ना रोटी जाए तो।
महलो के दीवानो सुनलो,
घर यदि गिरवी हो जाए तो।
झर -झर आँशु बहे नयन से,
तप मे ओले पड जाए तो।
रात -रात भर जाग -जाग कर,
श्रम से हम दुर्भाग्य मिटाये।
तिल -तिल कर काट स्वयं को,
ऊंची दीवाले चमकायें।
चार दीवारी घर आँगन से,
खुद से खुद को हम ना पाए।
हाय !ये आंशु छलक पडेगे,
हमको जीना आ जाये तो।
सपने अपने को जो भुलाये,
सुख की सेज को हम ठुकराये।
संघर्षो से नयन मिलाकर,
प्रियतम की सुधि को बिसराये।
भुला निशा की तपिश चुभन को,
प्रातः उठ जब काम को जाए।
मन की इस अंतरज्वाला से,
रो दोगे यदी तुम मिल लो तो।
हाय ! ये आंँसू छलक पडेगे,
हमको जीना आ जाये तो।
