आदिवासी
आदिवासी
हम सब लोगो के ही पूर्वज है, आदिवासी
वन, जंगल के निवासी है, हमारे आदिवासी
प्रकृति, पशु और पक्षी प्रेमी है, आदिवासी
महाराणा प्रताप के तो साथी है, आदिवासी
सरल हृदय स्वभाव के धनी है, आदिवासी
तीर-धनुष में माहिर शिकारी है, आदिवासी
आयुर्वेद की पवित्र परिभाषा है, आदिवासी
हर मर्ज की आयुवेर्दिक दवा है, आदिवासी
हमारी इस संस्कृति के रक्षक है, आदिवासी
लोकगीत, नाट्य के संरक्षक है, आदिवासी
अफसोस हमारे पूर्वज हो रहे है, स्वर्गवासी
इस आधुनिकता ने लील लिये है, आदिवासी
कट रहे, वन, जंगल, मिट रहे है, आदिवासी
मिट रही शुद्ध हवा की बहुत बड़ी राशि
साथ मिटते जा रहे, मनुष्य मानवतावादी
शुद्ध हवा कमी से आई, कोरोना महामारी
जिस प्रकृति की पूजा करते थे, आदिवासी
उसी प्रकृति मां पर चला दी स्वार्थ की आरी
इससे आएगी, एकदिन ग्लोबल वार्मिंग भारी
डूबेंगे कई शहर, तब याद आएंगे आदिवासी
जैसे कोई दीया अधूरा होता है, बिना बाती
वैसे ही वन, जंगल बिना अधूरे है, आदिवासी
विश्व मे मानकता से बहुत कम है, वन माटी
आओ पेड़ बचाये, साथ में बचेंगे, आदिवासी।
