मदन ने मिलाया कली को अली से कली प्रीत पाकर विहँसने लगी है। मदन ने मिलाया कली को अली से कली प्रीत पाकर विहँसने लगी है।
आओ साजन बीती रात, कमल दल फूले... आओ साजन बीती रात, कमल दल फूले...
मन को तनिक दिलासा दो तुम दुख से यूँ मुँह मत मोड़ो। मन को तनिक दिलासा दो तुम दुख से यूँ मुँह मत मोड़ो।
दूर जा चुकी हो तुम, मुझे भुला चुकी हो तुम... दूर जा चुकी हो तुम, मुझे भुला चुकी हो तुम...
कभी निशा इठलाती कहीं पर, विद्युत का करके श्रृंगार! कभी निशा इठलाती कहीं पर, विद्युत का करके श्रृंगार!
स्पर्श पाकर शांत और चुपचाप बोना चाहता है ढल गयी है सांझ। स्पर्श पाकर शांत और चुपचाप बोना चाहता है ढल गयी है सांझ।