मन को तनिक दिलासा दो तुम
मन को तनिक दिलासा दो तुम
क्यों जीवन से हार गए हो आस किरण को मत तोड़ो
मन को तनिक दिलासा दो तुमदुख से यूँ मुँह मत मोड़ो
क्यों संताप करें अतीत पर बुरे समय में रुदन करें
दुविधा से टकराना सीखेंअसफलता का दमन करें
संकल्पों को नई राह दो मन उम्मीदों से जोड़ों
मन को तनिक दिलासा दो तुम दुख से यूँ मुँह मत मोड़ो
मौन निशा के अंधकार के बाद सवेरा होता है
पाने का सुख वो ही समझे जो अपना कुछ खोता है
धन दौलत तो मात्र चंचला व्यर्थ मोह इनसे छोड़ो
मन को तनिक दिलासा दो तुमदुख से यूँ मुँह मत मोड़ो
अगर निरंतर यतन रहे तो राहें भी मिल जाती हैं
धर्म समझ लो अगर कर्म को मंजिल गले लगाती है
ठोकर देती सीख सदा ही तार दिलों के मत तोड़ो
मन को तनिक दिलासा दो तुम दुख से यूँ मुँह मत मोड़ो।