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Reena Goyal

Abstract Others

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Reena Goyal

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शिव आराधना

शिव आराधना

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डम डम डम शिव डमरू बाजे,तीन लोक करते जयकार ।

पार्वती के प्रीतम प्यारे ,  जग के हो प्रभु ,पालनहार ।




सब देवों के देव कहाते,अविनाशी को कोटि प्रणाम,

ज्योतिर्मय है रूप तुम्हारा ,अद्भुत लिंग अनेकों नाम ,

हे नटराजन है दुख भंजन,शरणागत हम आये द्वार । 

पार्वती के प्रीतम प्यारे ,  जग के हो प्रभु ,पालनहार ।




गले सर्प की माल विराजे ,वस्त्र बने बाघम्बर खाल ,

नीलकंठ विषधारी शंकर,दया करो है दीन दयाल ,

आदि अंत ना जान सका जग ,पाया कौन तुम्हारा पार ।

पार्वती के प्रीतम प्यारे ,  जग के हो प्रभु ,पालनहार ।




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