शिव आराधना
शिव आराधना
डम डम डम शिव डमरू बाजे,तीन लोक करते जयकार ।
पार्वती के प्रीतम प्यारे , जग के हो प्रभु ,पालनहार ।
सब देवों के देव कहाते,अविनाशी को कोटि प्रणाम,
ज्योतिर्मय है रूप तुम्हारा ,अद्भुत लिंग अनेकों नाम ,
हे नटराजन है दुख भंजन,शरणागत हम आये द्वार ।
पार्वती के प्रीतम प्यारे , जग के हो प्रभु ,पालनहार ।
गले सर्प की माल विराजे ,वस्त्र बने बाघम्बर खाल ,
नीलकंठ विषधारी शंकर,दया करो है दीन दयाल ,
आदि अंत ना जान सका जग ,पाया कौन तुम्हारा पार ।
पार्वती के प्रीतम प्यारे , जग के हो प्रभु ,पालनहार ।