"शत शत नमन "
"शत शत नमन "
ऐसे थे वीर जिन्होंने दिलाई हमें आज़ादी
आज़ादी के पर्व पर शत शत उनको नमन ।
जलियावाला बाग में अनंगिनत इकट्ठे हुए ।
निर्कीदयो की गोलियों से, जलियावाला बाग की मिट्टी भी रोने लगी........ शत शत उनको नमन
एक था ऐसा वीर जो हंसकर चढ़ा फंसी,
अठारह साल की उम्र का ,
क्रांतिकारी वो था खुदीराम... शत शत उनको नमन
मेरा नाम चन्द्रशेखर आज़ाद, आज़ादी मेरा काम ।
मरते दम तक आज़ाद रहूंगा ।
अंग्रेजी के हाथ में कभी न आऊंगा... शत शत उनको नमन
प्रेरणा देती है हमें शहीद भगत सिंह की कहानी ।
हंस कर चढ़ गया ,शेर सी दहाड़ सा वीर देश के लिए फांसी......शत शत उनको नमन
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा ।
ऐसे सुभाषचंद्र के बोल पर निकल पड़ी भारत की फौज पर
गली गली गाँव में लहर उठी आजादी की आवाज....... शत शत उनको नमन
लक्ष्मीबाई की लड़ाई ने ऐसा दिया बलिदान वीरांगनाओं की उठी आवाज
चलो आओ अपना देश बनायें आज़ाद भारत का झंडा लहराए......... शत शत उनको नमन
बच्चों भी कई वानर सेना कूद पड़ी बचपना छोड़कर प्रण लिया हे हमने, बच्ची हे तो क्या काम हे?
हंस कर खाई गोलियाँ, सो गए धरती माँ की गोद में....... शत शत उनको नमन
अनगिनत आंदोलन चले बापू खेल गये बिना खड़क की लड़ाई
जीत हमारी हुई अपनो के बलिदान की.... शत शत उनको नमन
हुआ सवेरा बना नया भारत सत सत नमन उसको नमन जिसने हमें ये जीत दिलाई
