भारत के वीर
भारत के वीर
क्या लिखूँ ? कैसे लिखूँ ?
मातृभूमि पे जो मर मिटे, उन वीरों के शहादत को कुछ यूँ लिखूँ।।
कलम भी गर्वित, स्याही भी गर्वित, वीर सपूतों के गाथा लिखूँ।।
पराधीनता के ज़ंजीरो से जब जकड़ा हुआ था हिंदुस्थान,
अंग्रेजों से लड़ पड़े भारत के वो वीर महान।।
गांधी, सुभाष, चंद्रशेखर आज़ाद, रानी लक्ष्मीबाई वीरांगना,
भगत सिंह, अश्फ़ाक़ुल्लाह फांसी के फंदे को प्रेम से चूमा।।
आज़ादी की महायज्ञ में प्राणों की अपनी आहुति दिया,
भारत माँ को इन्हीं वीरों ने गुलामी से मुक्ति दिलाया।।
आज भी खड़े शरहद पर सीना ताने वीर जवान,
शत्रुओं को आँख दिखाएं, हम को इन पर है अभिमान।।
घर से दूर, परिवार से दूर मातृभूमि के रक्षा के खातिर,
तिरंगा लपेटे वापस लौटे जन्मभूमि के सम्मान खातिर।।
खून से लथपथ वीर शरीर, रहेंगे सदा अजर अमर,
चलो याद करें कुर्बानी इन के, ये तो हैं हिंदुस्थान के शेर।।