महादेव
महादेव
आया सावन का पावन महिना , मेरे महादेव का प्रिय महिना ,
घर घर गूंजे , गली गली गूंजे मेरे महादेव की अनंत महिमा ।।
कावडिया चले कावड़ लिए , बम बम भोले का उच्चारण किए ,
करते हैं शिव शम्भू का जलाभिषेक , मुख में शिव का नाम लिए ।।
शिव हैं आदि , शिव अनंत , शिव हैं भोले बाबा , मस्त मलंग ,
शिव के बिना ना सृष्टि संभव है , भस्म से रमा हुआ भोले का अंग ।।
जटाओं से बहती पावन गंगा की धार , मस्तक पर चंद्र विराजे , गले लम्बी है भुजंग हार ।।
उमा पति , डमरूधारी मेरे भोले भंडारी , माथे पर त्रिपुंड शोहे , नंदी की सवारी ।।
बारह ज्योतिर्लिंग के जो दर्शन करे , हर पल शिव का नाम स्मरण करे ,
भोले हर लेते हैं सारे दुःख संताप , सच्चे हृदय से जो सुमिरन करे ।।
बिल्वपत्र , पुष्प , चंदन अर्पण कीजै ,
भांग , धतूरा , पंचामृत से पूजन कीजै ।।
महादेव मेरे बड़े सरल हैं , जल से भी हो जाते हैं प्रसन्न ,
देते हैं मन वांछित फल , ना रहता कोई मनोकामना अपूर्ण ।।