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Anagha Dongaonkar

Abstract

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Anagha Dongaonkar

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वक्त नहीं है

वक्त नहीं है

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वक्त नहीं है 

आजकल बहुत बिजी होता हूं

कितना बेमानी सा लगता है ना

क्या सच में वक्त नहीं होता 

हमें जिन से बात करनी होती है 

उनके लिए हम कितनी भी हड़बड़ी में क्यों न हो वक्त निकाल ही लेते हैं 

छोटा सा क्यों ना हो एक मैसेज एक रिप्लाई कर ही देते हैं

जिसे बात नहीं करनी होती, हम खाली वक्त यूं ही बैठे रहते हैं 

पर बात करने का मन नहीं करता 

या यूं कहो नजरअंदाज जी का हुनर आजमा लेते हैं

यह सब अपनी इच्छा के अनुरूप होता है 

किससे बात करनी है 

किसी नहीं करनी यह अपनी इच्छा होती है 

पर यह वक्त नहीं है

का बहाना बड़ा दिल को लग जाता है।


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