STORYMIRROR

Anagha Dongaonkar

Abstract Inspirational Others

4  

Anagha Dongaonkar

Abstract Inspirational Others

हम खुद को खो देते हैं

हम खुद को खो देते हैं

1 min
303

हम धीरे-धीरे खुद को खो देते हैं जब हम जीवन की

आवाज नहीं सुन पाते ।


जब हम खुशी के बदले

उदासी चुन लेते है।


जब हम अपने 

आत्मसम्मान को खो देते हैं।


जब हम अपनी भावनाएं 

काबू नहीं कर पाते।


 जब हम अपनी 

आंखों को कोई 

नया ख्वाब नहीं दिखाते।


 जब हम मंजिल का

 रास्ता छोड़ राह 

 भटक जाते हैं।


 जब हम अपने 

सुरक्षित घेरे से 

बाहर नहीं आना चाहते।


जब हम अपनी 

आदतों के गुलाम 

बन जाते हैं।


जब हमारी तरफ

 बढ़ता हुआ मदद का

 हाथ थाम नहीं पाते ।


जब हम अपने सपनों को 

ऊंची उड़ान नहीं दे पाते।


जब हम गिर कर

उठना नहीं चाहते ।


जब हम हार कर

लड़ने के लिए 

फिर से खड़े 

नहीं हो पाते हैं ।


तब हम खुद को

धीरे-धीरे खो देते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract