सुकून के पल
सुकून के पल
ओए सुन
पता है तुझे
जब भी तेरे साथ होती हूं
वह पल मेरे लिए सुकून के होते हैं
जब भी तेरी कॉल आती है हाथ के सारे काम छोड़ कर
मैं शांति से एक जगह बैठ जाती हूं
यह पल मेरे लिए बहुत खास होते हैं
दुनियादारी के चक्कर में चेहरे पर मुस्कुराहट लिए जी तो लेती हूं मैं
तेरे साथ जब होती हूं
सच कहूं दिल से मुस्कुरा देती हूं मैं
कभी-कभी हम बात नहीं करते यूं ही बस एक दूसरे को देखते रहते हैं
वो आंखों से झलकता प्यार सुकून दे जाता है मुझे
वह वक्त से थोड़ा वक्त चुराकर तेरे साथ बिताया हर वक्त सुकून का होता है मेरे लिए
या कहूं मेरे दिल को अजीज होता है
वह हर एक पल जो सुकून की परिभाषा है मेरे लिए
तुझे सोचूँ तो लिखने के लिए अल्फाज कम पड़ जाते हैं मेरे
और
तू सामने आते ही अल्फाज गुम जाते हैं मेरे
यह कैसी उलझन है तुम ही सुलझा दो ना
सुकून बन गए हो
तुम बस यह जान लो ना।

