STORYMIRROR

Anagha Dongaonkar

Romance

4  

Anagha Dongaonkar

Romance

सुकून के पल

सुकून के पल

1 min
414

ओए सुन

पता है तुझे 

जब भी तेरे साथ होती हूं 

वह पल मेरे लिए सुकून के होते हैं 

जब भी तेरी कॉल आती है हाथ के सारे काम छोड़ कर

 मैं शांति से एक जगह बैठ जाती हूं 

यह पल मेरे लिए बहुत खास होते हैं

 दुनियादारी के चक्कर में चेहरे पर मुस्कुराहट लिए जी तो लेती हूं मैं 

तेरे साथ जब होती हूं 

सच कहूं दिल से मुस्कुरा देती हूं मैं

 कभी-कभी हम बात नहीं करते यूं ही बस एक दूसरे को देखते रहते हैं

 वो आंखों से झलकता प्यार सुकून दे जाता है मुझे 

वह वक्त से थोड़ा वक्त चुराकर तेरे साथ बिताया हर वक्त सुकून का होता है मेरे लिए

 या कहूं मेरे दिल को अजीज होता है 

वह हर एक पल जो सुकून की परिभाषा है मेरे लिए

 तुझे सोचूँ तो लिखने के लिए अल्फाज कम पड़ जाते हैं मेरे

 और

 तू सामने आते ही अल्फाज गुम जाते हैं मेरे

 यह कैसी उलझन है तुम ही सुलझा दो ना 

सुकून बन गए हो

 तुम बस यह जान लो ना



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance