वह
वह
अब नहीं लुभाते कोई प्रलोभन मीठी मीठी बातें
झूठे वादे झूठी कसमें
प्यार के कमजोर प्रयास अपनेपन के दावे
अब कोई रंग रूप तन देखकर तारीफों के पुल बांधे
तो खड़ी कर देती है
वह अपने दिल के चारों तरफ सख्त, मजबूत, संरक्षित दीवार
जो उसे पत्थर दिल होने पर मजबूर कर देता है
उसकी सच्चाई, अच्छाई, बुराई, खामियां, खूबियां जानते हुए
वह जैसी है वैसे ही उसे स्वीकार करें
उसके व्यक्ति होने ज्यादा उसके व्यक्तित्व से कोई अगर
प्यार करें तो वह उसे देती है मान सम्मान आदर और अपनापन
दिल से सख्त होते हुए भी अंदर से
वह गहराई से भावपूर्ण प्यार करने वाली होती होगी।