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Kawaljeet GILL

Abstract Inspirational

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Kawaljeet GILL

Abstract Inspirational

मेरे हाथों की लकीरों में ...

मेरे हाथों की लकीरों में ...

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 तुझमें मुझमें प्यार तो बहुत है

पर मेरे हाथों की लकीरों में

 तेरा नाम नहीं है,

सारी दुनिया से तो हम लड़ भी ले

लेकिन उस रब से लड़े कैसे,


सवाल कई बार करने को दिल करता है,

पर सवाल करना मेरी आदत नहीं,

दिल रो पड़ता है फिर भी मुस्कुरा लेते है,

दर्द ही जीवन में लिखे है तो 

खुशियाँ कहाँ से मिलेगी,


काश हम तुमसे ना मिले होते तो अच्छा होता,

दर्द तुमको भी हम दे बैठे,

मेरी किस्मत पर तो रब भी रोया होगा,

प्यार कभी मिलता नहीं ये जानते थे हम,

इन लकीरो को ज़ख्मी करके भी देख लिया,


अपनी किस्मत को तो हम बदल सकते नहीं,

दर्द देकर तुमको हम खुद से दूर कर रहे है,

इस जनम में तो हमारा मिलन ना होगा,

फिर किसी और जनम में शायद ये लकीरे

हमारी मिल जाये ।


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