रुक-रुक के बहा वो एक अश्क़ तेरी याद में और, बह के तारूह मुझे फिर वो सरापा भिगोया किया... रुक-रुक के बहा वो एक अश्क़ तेरी याद में और, बह के तारूह मुझे फिर वो सरापा भिगोया...
जो गया उसे भूल जा सोचा नहीं करते जो गया उसे भूल जा सोचा नहीं करते
क्या करूँ इस दिल का, जो दिमाग की नहीं सुनता। क्या करूँ इस दिल का, जो दिमाग की नहीं सुनता।
रोटी को पाने बिहार से वो आया था, दुःख उसका यह रहा राजस्थान का न जाया था। रोटी को पाने बिहार से वो आया था, दुःख उसका यह रहा राजस्थान का न जाया था।
मैं जला भी बहुत ,खुद से लड़ा भी बहुत तेरे हर जिक्र पर खुद को बेफिक्र किया भी बहुत मैं जला भी बहुत ,खुद से लड़ा भी बहुत तेरे हर जिक्र पर खुद को बेफिक्र किया भी ...
जैसा वो दिखता है, क्या पिता, वैसे ही होता है। जैसा वो दिखता है, क्या पिता, वैसे ही होता है।