रुक-रुक के बहा वो एक अश्क़ तेरी याद में और, बह के तारूह मुझे फिर वो सरापा भिगोया किया... रुक-रुक के बहा वो एक अश्क़ तेरी याद में और, बह के तारूह मुझे फिर वो सरापा भिगोया...