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Harkirat Singh Dhingra

Inspirational

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Harkirat Singh Dhingra

Inspirational

पिता का कर्ज़ ?

पिता का कर्ज़ ?

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पिता का पता,

हर किसी को नहीं होता,

मन में उसके क्या है, नहीं कोई पढ़ पाता,

कब हंसा कब रोया वो, सबको दिखाया भी तो नहीं जाता,

कभी कभी तो वो खुद को भी, समझ-समझा नहीं पाता,

और कभी वो हद की सारी सीमाएं हैं लांघ जाता,

संभालता है, छुपाता है, सब मुश्किलों को है निपटाता,


जैसा वो दिखता है,

क्या पिता,

वैसे ही होता है।


मुस्कुराहट में उसकी छिपा है क्या - खुशी या दर्द,

बेमौसम की तकलीफों से होता है वो जर्द,

बिन दिखाये किसी को, निभाता है वो अपने सब फर्ज,

क्या इसी को ही कहेंगे,

पिता का कर्ज़ ?


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