थाम कर उँगली फिर दूर कहीं ले आता है थाम कर उँगली फिर दूर कहीं ले आता है
जो निभाता है उसी को परेशान करती है। जो निभाता है उसी को परेशान करती है।
जब मानता है कोई तुम्हें अपना वरदान, तब जीवन भर करना उनका सम्मान जब मानता है कोई तुम्हें अपना वरदान, तब जीवन भर करना उनका सम्मान
कौन निभाता किस का साथ कौन निभाता किस का साथ
मजबूरी होती है उन रिश्तों की मजबूरी होती है उन रिश्तों की
जैसा वो दिखता है, क्या पिता, वैसे ही होता है। जैसा वो दिखता है, क्या पिता, वैसे ही होता है।