घमंड हैं क्या....
घमंड हैं क्या....
उलझ कर सुलझ ना जाये वो जिंदगी हैं क्या,
रुठे को ना मनाये वो बंदगी हैं क्या,
नफरत को प्यारमें ना बदले वो महात्मा हैं क्या,
अंतर को परमात्मा ना समझे वो धर्मात्मा हैं क्या,
सच के साथ होते हुये सच का साथ ना दे वो सच्ची बात हैं क्या,
दुश्मन को दोस्त ना बनाये वो हस्तीं हैं क्या,
हारते हुये को ना जीताये वो जुनून हैं क्या,
जितने वाले के पैर जमीन अब भी हैं वो घमंड हैं क्या,
आरंभ हैं तो क्या हुआ हौसला प्रचंड हैं,
प्रचंड हैं हौसला तो वो घमंड हैं क्या।