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रुठे हैं

रुठे हैं

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रुठे हैं, तो रुठे रहे हमसे, 

अब कोई शिकवा

ना हम करेंगे, 

महसूस होगी जब

ग़लती तुम्हें तुम्हारी, 

तो वापस आ जाना, 

हम वही मिलेंगे, 

जहाँ तुमने छोड़ा था...



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