Pradip Hiwarkhede
Others
रुठे हैं, तो रुठे रहे हमसे,
अब कोई शिकवा
ना हम करेंगे,
महसूस होगी जब
ग़लती तुम्हें तुम्हारी,
तो वापस आ जाना,
हम वही मिलेंगे,
जहाँ तुमने छोड़ा था...
जिने देना ए ज...
अफसाने..
बदसुलकी..
तेरी मेरी राह...
कशमकश
कुछ खास तो नह...
घमंड हैं क्या...
कभी कभी लगता ...
बेवजह तो नही ...
रुठे हैं