ऋतुराज बसंत आ गया
ऋतुराज बसंत आ गया
सरसों फूली जब खेतों में
नये पत्ते उग आये पेड़ो में
मन में नया उमंग छा गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
दिन भी सुहावनी लगने लगी
ढोल-शहनाई भी बजने लगी
सभी को ये मौसम भा गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
बसंत की शोभा से मन सींचता
फूलों की खुशबू उर को खींचता
प्यार करने का उमंग ला गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
चाँद की शीतलता को साथ लिये
स्वर्ग की सुंदरता का प्रवाह लिये
हृदय में नव मधुर दाह ला गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
कलि के पलको में मिलन-स्वप्न लाया
अलि के अंतर में प्रणय-गान लाया
मन में फाल्गुन का लौ सुलगा गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
उमंग बड़ी है और आशा नयी
है उम्मीद नयी अभिलाषा नयी
साँसे में नया संचार आ गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
फूलों से बाग भी महकने लगे
पक्षी कोयल भी कुहकने लगे
जीवन में नव रसधार छा गया
देखो ! ऋतुराज बसंत आ गया।
नयी-नयी इच्छाएं मन को देता
ज्ञान नया हमारे जीवन को देता
प्रकाश मिला जैसे चांदनी छा गया
देखो ! देखों ! ऋतुराज बसंत आ गया।
