स्त्री एक महान अवतार
स्त्री एक महान अवतार
स्त्री बीज़ का वो अंकुरण,
जिसने सृष्टि का आरम्भ किया,
स्त्री वो हवन वेदिका,
जिसने सर्वस्व विकारों का दहन किया,
स्त्री वो स्वर्ण भश्मिका,
जिसने ललाट को तेजमान किया,
स्त्री वो तीव्र आह्वान,
जिसका वेद,पुराण,शाश्त्रों ने बखान किया,
स्त्री वो दिव्य दर्शनांक,
जिसको कण कण ने नमन किया,
स्त्री वो महान वीरांगना,
जिसने कर्मवीर योद्धाओं को जन्म दिया,
स्त्री वो निश्छल समर्पण,
जिसने हर कर्म निश्काम किया,
ऐसी महान अवतार को,
मेरा शत शत नमन,
मेरा शत शत नमन।।।