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V. Aaradhyaa

Inspirational

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V. Aaradhyaa

Inspirational

काकी की यादें दिल से ना गईं

काकी की यादें दिल से ना गईं

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अपने बचपन की कई सुनहरी यादों में ,

एक खास बात आज फिर से याद आई,

मुझे बहुत प्यार से कहा करती छुटकी, 

वो थी मेरी सबसे छोटी मोना काकी !


जब वह दुल्हन बनकर घर आई थी ,

सबसे पहले मुझे देख मुस्कुराई थी !

 तबसे काकी भतीजी का बॉन्ड बना,

इस रिश्ते का रहा सुन्दर ताना बाना !


आज चाहे मैं हो गई कित्ती भी बड़ी ,

पर काकी की यादें जेहन से ना गईं !

अब भी मन की दहलीज पर हैं खड़ी,

उनकी मुस्कान अब भी मोतियों की लड़ी!



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