STORYMIRROR

PRAVESH KUMAR SINHA

Children Stories

3  

PRAVESH KUMAR SINHA

Children Stories

गौरैया

गौरैया

1 min
310

रोज सबेरे मेरे कमरे में

खिड़की से आती गौरैया

अपनी मीठी आवाज़ों से

मुझको है जगाती गौरैया।


समय से कोई कार्य करने

हमें है सिखलाती गौरैया,

चहक-चहक की बोली से

मन मेरा भरमाती गौरैया।


फुदक-फुदक कर परी जैसी

घर की रौनक बढ़ाती गौरैया,

उसी में खो कर रह जाऊ मैं

चुपके से कह जाती गौरैया।


कभी आँगन कभी बरामदे में 

और माँ के रूम में जाती गौरैया,

चारों तरफ घूम-घूमकर मस्ती में

पीती पानी और दाना खाती गौरैया।



Rate this content
Log in