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PRAVESH KUMAR SINHA

Inspirational

4.5  

PRAVESH KUMAR SINHA

Inspirational

बढ़े चलो बढ़े चलो

बढ़े चलो बढ़े चलो

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कश्मीर घाटी से फिर स्वतंत्रता पुकारती 

खून से तिलक करो गोलियों से आरती

प्रबीर हो जयी बनो- जय हिन्द कहे चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


चीन को छोड़ना नहीं पाक से डरना नहीं

तुम कभी रुको नहीं तुम कभी झुको नहीं

स्वतंत्रता मिटे नहीं दृढ- प्रतिज्ञा ठान लो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


तुम हो रश्मिरथी भुजा अमोघ अस्त्र- सी

सपूत भारत माँ की रुको न वीर साहसी

प्रशस्त पुण्य पंथ है-नदनीर सा बहे चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


तुम वीर लड़ते रहो चाहे न हाथ अस्त्र हो

तुम शूर बढ़ते रहो चाहे न साथ शस्त्र हो

भारत की रक्षा हेतू ज्वाला-सा जले चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


स्वतंत्रता मिटे नहीं दृढ- प्रतिज्ञा ठान लो,

प्रशस्त पुण्य पंथ है-नदनीर सा बहे चलो,

प्रबीर हो जयी बनो- जय हिन्द कहे चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


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