Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

PRAVESH KUMAR SINHA

Inspirational

4.5  

PRAVESH KUMAR SINHA

Inspirational

बढ़े चलो बढ़े चलो

बढ़े चलो बढ़े चलो

1 min
266


कश्मीर घाटी से फिर स्वतंत्रता पुकारती 

खून से तिलक करो गोलियों से आरती

प्रबीर हो जयी बनो- जय हिन्द कहे चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


चीन को छोड़ना नहीं पाक से डरना नहीं

तुम कभी रुको नहीं तुम कभी झुको नहीं

स्वतंत्रता मिटे नहीं दृढ- प्रतिज्ञा ठान लो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


तुम हो रश्मिरथी भुजा अमोघ अस्त्र- सी

सपूत भारत माँ की रुको न वीर साहसी

प्रशस्त पुण्य पंथ है-नदनीर सा बहे चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


तुम वीर लड़ते रहो चाहे न हाथ अस्त्र हो

तुम शूर बढ़ते रहो चाहे न साथ शस्त्र हो

भारत की रक्षा हेतू ज्वाला-सा जले चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


स्वतंत्रता मिटे नहीं दृढ- प्रतिज्ञा ठान लो,

प्रशस्त पुण्य पंथ है-नदनीर सा बहे चलो,

प्रबीर हो जयी बनो- जय हिन्द कहे चलो,

तुम भारत के वीर हो बढ़े चलो बढ़े चलो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational