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PRAVESH KUMAR SINHA

Abstract

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PRAVESH KUMAR SINHA

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कोरोना का प्रभाव-उपाय

कोरोना का प्रभाव-उपाय

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  वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


कोरोना का प्रभाव है दवा का आभाव है

हाथ तुम मिलाना नहीं दुरी तुम बनाना सही

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


चेहरे पे मास्क रहे सदा शरीर साफ रहे

कोरोना से डरो नहीं भीड़ में रहो नहीं

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


चीन से आया है ये दुनिया में छाया है ये

चारों तरफ शोर है परहेज ही इसका तोड़ है

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


सामने अगर लोग हो खाने का भोग हो

तुम वहाँ रुकना नहीं तुम वहाँ बैठना नहीं

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


कितनो को मारा है मानव ही इसका चारा है

बाजार को बॉय-बॉय कहो ज्यादातर घर में रहो

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


अगर किसी को हो जाये तो तुरंत दुरी बनाये

तुम निडर डरो नहीं कोरोना के सामने अड़ो नहीं

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


तुम इसको छुपाओगे अपने आप को मिटाओगे

अगर किसी से बात करो एक मीटर की दुरी रहे

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


जरुरी है दुरी बनाओ संदेह होने पे जाँच करवाओ

तभी कोरोना मात खायेगा तभी मानव बच पायेगा

वीर तुम लड़ते रहो ! धीर तुम बढ़ते रहो !


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