संघर्ष
संघर्ष
एक टहनी टूटकर पतवार बनती है
एक चिंगारी दहक कर अंगार बनती है
मिट्टी जो रौंदी जाती है पैरों तले
वही एक दिन मीनार बनती है
संघर्ष एक आग है जो तुम्हें पकाती है.
संघर्ष से भागो मत.. वरना कच्चे ही रह जाओगे..
और कच्चे घड़ों की कोई कीमत नहीं होती..
पक जाना बहुत ज़रूरी है..पको यानी संघर्ष करो।
