ट्रंप का स्वागत
ट्रंप का स्वागत
विकास तो एक बहाना है ,
हमें तो ट्रंप पर करोड़ों
रुपए लुटाना है, छिपा दूँगा
अपने देश की उस मलिन
बस्तियों को ऊंची दीवारों
के पीछे,
मार दूँगा मैं करोड़ो गरीबों
को भूखे नंगे यूं ही,
पर मैं अपने दोस्त का
स्वागत ज़रुर करूंगा,
फॉरेन पॉलिसी के नाम पर
करोड़ों रुपए लुटाएंगे
पर विदेशों से कोई मदद
ना पाएंगे,
बने रहेंगे नौजवान मायूस,
नहीं होगा देश का कुछ
विकास ,
फिर हम नेहरू को देंगे
इसका दोषी ठहराए,
मेरे ना आगे हैं कोई, न
पीछे है कोई
फिर मैं किसके लिए
नए भारत का विकास करूं ?
करोड़ों रुपए उड़ा कर मैं
अपना नाम चमका लूंगा
फिर इस दुनिया से स्वर्ग की
ओर चल पडूंगा एक दिन
भारत तेरा वक्त खराब है
कि तूने ऐसे व्यक्ति को चुन लिया!