चुपचाप ख़ुशी के साथ स्वतन्त्रता दिवस पालन करती है। चुपचाप ख़ुशी के साथ स्वतन्त्रता दिवस पालन करती है।
झूठे सपनों से हमें क्या करना? झूठे सपनों से हमें क्या करना?
कहीं तुम कर रही सब खामोश, कहीं रिश्तों में भर रही तुम होश। कहीं तुम कर रही सब खामोश, कहीं रिश्तों में भर रही तुम होश।
बने रहेंगे नौजवान मायूस, नहीं होगा देश का कुछ विकास , बने रहेंगे नौजवान मायूस, नहीं होगा देश का कुछ विकास ,
जिनकी चाहत बस इतनी है इज़्ज़त उनकी भी बची रहेतुम चाहे गद्दी पर बैठो उनकी भी खटिया बिछी रहे जिनकी चाहत बस इतनी है इज़्ज़त उनकी भी बची रहेतुम चाहे गद्दी पर बैठो उनकी भी खटिय...
कोरोना के कारणे, जावण लागे गाँव। पैदल ही चालण लगे, भूखे नंगे पाँव। कोरोना के कारणे, जावण लागे गाँव। पैदल ही चालण लगे, भूखे नंगे पाँव।