कहीं तुम कर रही सब खामोश, कहीं रिश्तों में भर रही तुम होश। कहीं तुम कर रही सब खामोश, कहीं रिश्तों में भर रही तुम होश।
जहां वो छोटी गौरय्या बिन बुलाए आ जाती थी कुछ खाने और रहने की तलाश में, जहां वो छोटी गौरय्या बिन बुलाए आ जाती थी कुछ खाने और रहने की तलाश में,