कोई नहीं जानता कब कहाँ किससे मिलेगा अनजाना आक्रमण। कोई नहीं जानता कब कहाँ किससे मिलेगा अनजाना आक्रमण।
चुपचाप ख़ुशी के साथ स्वतन्त्रता दिवस पालन करती है। चुपचाप ख़ुशी के साथ स्वतन्त्रता दिवस पालन करती है।
फिर भी स्वतन्त्रता चुपचाप ख़ुशी के साथ स्वतन्त्रता दिवस पालन करती है। फिर भी स्वतन्त्रता चुपचाप ख़ुशी के साथ स्वतन्त्रता दिवस पालन करती ...
प्रकृति का व्यक्त प्रतिदिन आभार करें। पर्यावरण रक्षा का संकल्प एक बार करें। प्रकृति का व्यक्त प्रतिदिन आभार करें। पर्यावरण रक्षा का संकल्प एक बार करें।
चलों ना आज मिलकर हम दोनों शहीद दिवस मनाते हैं। चलों ना आज मिलकर हम दोनों शहीद दिवस मनाते हैं।
उन्हीं छोटी-छोटी खुशियों को अनदेखा कर हरकोई उदासीन रहता है प्रतिदिन। उन्हीं छोटी-छोटी खुशियों को अनदेखा कर हरकोई उदासीन रहता है प्रतिदिन।