STORYMIRROR

Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

नेकी का बल

नेकी का बल

1 min
475

सुख हो दुख हो या हों ,या इस जग में कैसे भी हों हालात,

मिल जुलकर ही हम रहें एक सब ,लक्ष्य सदा हों अपने नेक ।


विपदा की यह कठिन घड़ी है, मगर किसी को जरा नहीं घबराना है,

योजना बनी है सोच समझ कर, निर्देशों को हर हाल में मानें हर एक।


कोरोना मुक्ति का मूल मन्त्र तो, सबको केवल घर में ही रहना है,

सेवा में रत राष्ट्ररक्षकों का, शुक्रिया अदा करें हममें से हर एक।


सद्बुद्धि दो प्रभु उन नासमझों को,जो दुर्व्यवहार राष्ट्ररक्षकों के संग करते हैं,

नासमझी पर कोई कुछ ना बोले,सियासी रोटियां सेंक रहा बढ़ चढ़ हर एक।


परमपिता परमेश्वर विनती यह तुमसे, सबको संयम-बुद्धि-विवेक का बल दो,

सबको मिले सुरक्षा सहयोग सभी का,विश्वव्यापी "कोरोना समस्या"शीघ्र हल हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational