प्यार, जलन और नफरत
प्यार, जलन और नफरत
लड़े न जाने लोग क्यों हरदम
के कौन है ज्यादा और कौन है कम
पड़े जहां नफरत के कदम
ख़ुशी है ग़ायब सदा है घम !
अपने अपने खूबी हैं सबके
अपने अपने अंदाज़ है सबके
सभी है एक दूजी हटके
सभी फ़रिश्ते प्यारे रबके !
सुनलो मेरी बात नासमझो
अपने आप को कमज़ोर ना समझो
द्वेष को दिलके बाहर भेजो
सुख और शान्ति हरदम खोजो !
प्यार दुःख से आज़ादी देगा
जलन तुझे बर्बादी देगा
जो तू दूसरों से जलेगा
चैन कभी ना तुझे मिलेगा !
औरों की खूबी पहचानना सीखो
बुराईयां नहीं अच्छाईयां देखो
जीवन में मिलेंगे इंसान लाखों
सबसे मिलके जीना सीखो !