भ्रष्टाचार को देश से मिटाना है
भ्रष्टाचार को देश से मिटाना है
भ्रष्टाचार को है मिटाना,
देश को है आगे बढ़ाना,
देश के पूर्व प्रधानमंत्री
श्री राजीव गांधी ने भी था माना,
देश में भ्रष्टाचार का रोग है पुराना,
सरकारी तंत्र से भ्रष्टाचार को है मिटाना,
देश में विकास को आगे है बढ़ाना,
भ्रष्टाचार को जड़ों से है काटना,
भ्रष्टाचारियों को जेल है भिजवाना,
भ्रष्टाचार को है मिटाना,
देश को है आगे बढ़ाना,
देश की जनता के टैक्स के पैसे को देश के
कार्यों में है लगाना,इस पैसे की बंदरबाट को है रोकना,
विकास के पैसों को विकास के कार्यों में है लगाना,
इसमें भ्रष्टाचार को पूरी तरह बंद है करना,
भ्रष्टाचार को रोकने में सरकार का सहयोग है करना,
भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथो है पकड़वाना,
भ्रष्टाचार को है मिटाना,देश को है आगे बढ़ाना,
शपथ हमें लेनी होगी
न स्वयं भ्रष्टाचार करेंगे, न दूसरो को करने देंगे,
जनता को भ्रष्टाचार के बारे में जागरूक करेंगे,
उन्हें भ्रष्टाचार में सहयोग न करने को तैयार करेंगे,
हम सभी सरकारी कार्य ऑन लाइन करेंगे,
दूसरों को भी ऑन लाइन कार्य करने को प्रेरित करेंगे,
किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार न स्वयं सहन करेंगे,
दूसरों को भी इसको न सहन करने को कहेंगे,
भ्रष्टाचार को है मिटाना, देश को है आगे बढ़ाना।