काम अधूरे रह जाते है ...
काम अधूरे रह जाते है ...
लिखने जो बैठ जाते है हाले दिल अपना
तो सारे काम अधूरे रह जाते है हमारे,
दोस्ती निभाते निभाते अपने नाराज़ हो जाते है,
अपनो को नाराज़ करें कैसे कर्ज़ उनके है चुकाने ,
लिखना हमारा शौक है रिश्ते है फ़र्ज़ हमारा,
फ़र्ज़ पहले आ जाता शौक तो बाद में आते है,
कभी कभी ये शौक हमारा हमको ही रुला देता है,
कहते है जब अपने क्या रखा इस लिखने के शौक में,
कोशिश ये ही रहती है कि वक्त बराबर बाँट दे,
लेकिन कोई ना कोई काम अधूरा रह ही जाता है,
अपनो को खुश करते है तो दिल हमारा रूठ जाता है,
कहता है हमसे शौक अपने भी कुछ पूरे कर लो,
जिंदगी की राहों में ऐसे समझौते करने पड़ते है,
कभी कभी अपनो की खातिर अपने ही शौक कुर्बान करने पड़ते है,
उनको खफा करके हम खुश ना रह पाएंगे,
अपने काम अधूरे रह गए तो गम नहीं अपनो की हर ख्वाहिश पहले पूरी करेंगे ।
